क्रिकेट में निचले क्रम की साझेदारियाँ अक्सर मैच की दिशा बदल देती हैं। खासकर सातवें विकेट पर बनी साझेदारियाँ कई बार टीम को मुश्किल हालात से निकालकर जीत की ओर ले जाती है। आइए जानते हैं महिला वनडे विश्व कप में सातवें विकेट की शीर्ष 5 साझेदारियाँ और उनके पीछे की कहानियाँ।
यहाँ महिला वनडे विश्व कप में सातवें विकेट के लिए शीर्ष 5 साझेदारियाँ हैं, जिनकी कहानी रोमांच और दृढ़ता से भरी है:
1. 122 रन: स्नेह राणा और पूजा वस्त्राकर (भारत) बनाम पाकिस्तान, 2022
यह साझेदारी भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है। 2022 विश्व कप के अपने पहले मैच में, भारत की शुरुआत बेहद खराब रही थी। टीम का स्कोर 114/6 था, और 200 तक पहुँचना भी मुश्किल लग रहा था। ऐसे में क्रीज पर आईं पूजा वस्त्राकर और स्नेह राणा। दोनों ने मिलकर धैर्य और सूझबूझ से पारी को संभाला।
पूजा वस्त्राकर: उन्होंने 59 गेंदों में 67 रनों की शानदार पारी खेली, जिसमें 8 चौके शामिल थे।स्नेह राणा: उन्होंने 48 गेंदों में नाबाद 53 रन बनाए, जिसमें 4 चौके शामिल थे।
दोनों ने मिलकर 122 रनों की ऐतिहासिक साझेदारी की, जो महिला वनडे विश्व कप के इतिहास में सातवें विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी है। उनकी इस पारी की बदौलत भारत ने 244/7 का स्कोर बनाया और अंततः पाकिस्तान को 107 रनों से हराया।
2. 103 रन: दीप्ति शर्मा और अमनजोत कौर (भारत) बनाम श्रीलंका, 2025
हाल ही में, 2025 विश्व कप के उद्घाटन मैच में भारत का सामना श्रीलंका से हुआ। बारिश से बाधित इस 47 ओवर के मैच में भारतीय टीम 124/6 पर संघर्ष कर रही थी। ऐसे में अनुभवी दीप्ति शर्मा और युवा अमनजोत कौर ने मिलकर एक अविश्वसनीय साझेदारी को अंजाम दिया।
दीप्ति शर्मा: उन्होंने 53 गेंदों में 53 रन बनाए।अमनजोत कौर: उन्होंने 56 गेंदों में 57 रन की पारी खेली, जो उनका पहला वनडे अर्धशतक हैं।
दोनों ने मिलकर 99 गेंदों में 103 रनों की साझेदारी की और टीम को 269/8 के चुनौतीपूर्ण स्कोर तक पहुँचाया।
3. 92 रन: सिल्विया क्रो और शेरी फुरलोंग न्यूजीलैंड बनाम इंग्लैंड, 1982
यह एक पुरानी लेकिन यादगार साझेदारी है। 1982 के विश्व कप में, जब न्यूजीलैंड की टीम इंग्लैंड के खिलाफ लड़खड़ा रही थी, तब सिल्विया क्रो और शेरी फुरलोंग ने मिलकर 92 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी कर टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुँचाया था। यह उस दौर के हिसाब से एक बेहद मजबूत साझेदारी थी।
4. 85 रन: कैथरीन ब्रंट और जेनी गन (इंग्लैंड) बनाम ऑस्ट्रेलिया, 2017
2017 विश्व कप में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए एक रोमांचक मैच में, कैथरीन ब्रंट और जेनी गन ने इंग्लैंड को मुश्किल स्थिति से बाहर निकाला था।
कैथरीन ब्रंट: उन्होंने तेज-तर्रार बल्लेबाजी करते हुए महत्वपूर्ण रन जोड़े।जेनी गन: उन्होंने ब्रंट का बखूबी साथ निभाया और मिलकर टीम के लिए 85 रन जोड़े, जिससे इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया पर जीत हासिल की।
5. 84 रन: जूलिया कूपर और जेनी गन (इंग्लैंड) बनाम भारत, 2005
2005 के विश्व कप में, इंग्लैंड की टीम भारत के खिलाफ मुश्किल में थी, लेकिन जूलिया कूपर और जेनी गन ने मिलकर सातवें विकेट के लिए 84 रनों की साझेदारी की। उनकी इस साझेदारी ने इंग्लैंड को खेल में बनाए रखा और टीम को एक सम्मानजनक स्कोर तक पहुँचाया।
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सातवे विकेट की साझेदारी का सारांश
ये साझेदारियाँ दिखाती हैं कि क्रिकेट सिर्फ शीर्ष खिलाड़ियों का खेल नहीं है, बल्कि यह उन गुमनाम नायकों का भी खेल है जो सबसे कठिन समय में खड़े होते हैं। इन पारियों ने न केवल विश्व कप के इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया है, बल्कि दुनिया भर के क्रिकेट प्रेमियों को प्रेरित भी किया है।
क्रिकेट में अक्सर ऊपरी क्रम के बल्लेबाजों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, लेकिन जब टीम संकट में होती है, तो निचले क्रम के बल्लेबाजों की महत्वपूर्ण साझेदारियाँ अक्सर मैच का रुख बदल देती हैं। महिला वनडे विश्व कप के इतिहास में भी ऐसे कई मौके आए हैं जब सातवें विकेट के लिए बनी साझेदारियों ने टीमों को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया या जीत की नींव रखी। आइए, इन रिकॉर्ड-तोड़ साझेदारियों का सारांश और स्कोर कार्ड देखते हैं।
सारांश

- 122 रन: स्नेह राणा और पूजा वस्त्राकर (भारत) ने 2022 में पाकिस्तान के खिलाफ यह रिकॉर्ड बनाया था।
- 103 रन: दीप्ति शर्मा और अमनजोत कौर (भारत) ने 30 सितंबर 2025 को श्रीलंका के खिलाफ यह साझेदारी की।
- 92 रन: सिल्विया क्रो और शेरी फुरलोंग (न्यूजीलैंड) ने 1982 में इंग्लैंड के खिलाफ यह साझेदारी बनाई थी।
- 85 रन: कैथरीन ब्रंट और जेनी गन (इंग्लैंड) ने 2017 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यह साझेदारी की थी।
- 84 रन: जूलिया कूपर और जेनी गन (इंग्लैंड) ने 2005 में भारत के खिलाफ यह साझेदारी की थी।
महिला वनडे विश्व कप में सातवें विकेट की साझेदारी का इतिहास कई बार टीम को मुश्किल परिस्थितियों से निकालकर जीत की ओर ले जाने की गवाही देता है। इस संदर्भ में, हाल के और पिछले वर्षों के कुछ प्रमुख प्रदर्शन को हमने आपको बताए।
इन साझेदारियों का महत्व इस बात में है कि वे केवल व्यक्तिगत रिकॉर्ड नहीं हैं, बल्कि यह दिखाई देता हैं, कि कैसे विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य और समझदारी से मैच का रुख बदला जा सकता है। इन प्रदर्शनों ने महिला क्रिकेट टीम को मजबूत बनाने और मैच जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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